मेरी दुनिया...शोभा गुप्ता
A COLLECTION OF MELODY....SHOBHA GUPTA
कविता। ग़ज़ल। अपनी बात।
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गुरुवार, 24 जून 2010
मेरी दुनिया में-2
मेरे हाथों में गर हुनर होता।
मेरी चाहतों का शहर होता॥
होता अगर जो खुदा कहीं।
तो दुआओं का भी असर होता॥
कोई ग़म करीब यूँ आ गया।
मैं देखती हूँ जिधर, होता॥
अभी दूर है मंज़िल
मगर।
हसीं साथ हो तो सफ़र होता॥
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